Share Market Me Loss Kaise Hota Hai? 6 मुख्य कारणों को जानिए

हम में से जिस किसी के पास भी डीमैट अकाउंट है वह अपने स्मार्टफोन के एक क्लिक से किसी भी संख्या के शेयर को खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं.

शेयर मार्केट में Loss कैसे होता है
तो कुल मिलाकर के शेयर खरीदेना या बेचना बहुत ही आसान काम है. लेकिन कौन सा शेयर खरीदना है या बेचना है? मेरे हिसाब से, यह दुनिया का सबसे मुश्किल काम है.

यह सच्चाई है कि शेयर बाजार से ज्यादातर लोग पैसे कमाते हैं किंतु कुछ खतरनाक गलती करने की वजह से कुछ भी लोगों को शेयर मार्केट में बहुत बड़ा नुकसान होता है. 

इस आर्टिकल के माध्यम से बात करेंगे कि किन किन कारणों से शेयर मार्केट में लॉस होता है. ताकि आपका निवेश पहले से ज्यादा सुरक्षित रहें. 

पैसे कमाने की जल्दबाजी

पैसे कमाने की जल्दबाजी, मेरा मानना है कि शेयर मार्केट में सबसे बड़ा लॉस का कारण होता है. ज्यादातर लोग शेयर के पिछले 6 महीने के ट्रेन्ड को देख कर के शेयरों को खरीद लेते हैं. 

कभी कभार इसमें फायदा होने के बाद, हमें से ज्यादा लोग उत्साहित हो जाते हैं बिना उस कंपनी का रिसर्च किए ही ज्यादा अमाउंट में शेयर कर देते हैं. इसमें इंटरनल मार्केटिंग का कमाल होता है. 

याद रखें कि आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं. अपने इन्वेस्टमेंट पर फायदा का टारगेट आपको बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट से डब्लू या ट्रिपल ही रखना चाहिए. 

Free Tips सबसे खतरनाक होता है

इंटरनेट पर ना जाने कितने वेबसाइट हैं जो शेयर खरीदने एवं बेचने के बारे में फ्री टिप्स देते रहते हैं. ज्यादातर लोग इस झांसे में आकर के उस शेयर को खरीद लेते हैं. 

याद रखिए कि जो आपको फ्री टिप्स देता है, उनका बड़े बड़े ब्रोकरों के साथ टाई अप होता है. फ्री टिप्स वाले आप को प्रेरित करते हैं कि आप उस पार्टिकुलर्स सेक्टर या कंपनी के शेयर को खरीद लें. 

इस तरह के टिप्स व अन्य कई यूज़र को भेजते हैं जिसके कारण, जब आप उस शेयर के ट्रेंड को चेक करते हैं तो आपको up मिलता होगा. 

जब आपको trend up मिलता है तो लगता है कि यह फ्री मशवरा बहुत अच्छा है और आप झांसे में आकर के उस शेयर को खरीद लेते हैं. 

बिना रिसर्च के शेयर खरीदना

यह सच्चाई है कि ज्यादातर लोग बिना सर्च किए ही शेयर मार्केट से शेयर खरीद लेते हैं. आपको किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसके ट्रेंड के साथ कंपनी का पोर्टफोलियो एवं एनुअल रिपोर्ट को जरूर चेक करना चाहिए. 

यह सब काम करने में काफी समय लगता है यही नहीं इन वित्तीय बारीकियों को समझने के लिए आपको कंपनी के वित्तीय प्रबंधन का ज्ञान होना आवश्यक है. 

याद रखिए कि बिना मेहनत किए हुए अगर आप शेयर करते हैं तो आपको कभी ना कभी बहुत बड़ा नुकसान हो के रहेगा. मेरे इस सेंटेंस को हमेशा याद रखेगा. 

मार्केट क्रैश होने पर

आपने कई बार न्यूज़ में कभी ना कभी सुना होगा कि शेयर मार्केट क्रैश हो गया. इसका मतलब यह हुआ की शेयर मार्केट में शेयरों की वैल्यू में अचानक गिरावट हुआ है. 

अगर आपने शेयर खरीदा हुआ है तो आपको यह एनालिसिस करना होगा कि जिस कंपनी का आपने शेयर किया खरीदा है क्या उस पर मार्केट क्रैश का कितना प्रभाव हुआ है. 

मार्केट क्रैश होने के पीछे कोई ना कोई बिग न्यूज़ होता है. सबसे पहले आप भी कि उसका एनालिसिस कीजिए कि आपने जिस कंपनी का शेयर खरीदा है उसे पुराने वैल्यू में आने में कितना समय लगेगा. 

क्या आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की कीमत और घटने वाली है इसका भी बखूबी एनालिसिस कीजिए. इस बात को भी याद रखें कि मार्केट क्रैश होने के बाद, कुछ सप्ताह या महीनों के बाद फिर से मार्केट उभरता है. 

दूसरों को देख कर के शेयर खरीदना

आपके जाने में बहुत ऐसे सारे लोग होंगे जो बड़े-बड़े गप देते हैं कि मैंने शेयर मार्केट से इतने पैसे कमा लिया. यह भी बताएंगे कि मैंने यह से खरीदा और उससे मैंने इतने सारे पैसे कमा लिए. 

यह बात सुनकर हम में से ज्यादातर लोग लालच में आ जाते हैं और उस इंसान पर यकीन करना भी शुरू कर देते हैं. मैं कहूंगा कि आप यकीन तब करें जब उसके डिमैट अकाउंट को अच्छे से चेक कर लें. 

हो सकता है कि वह जो कहा वह डिमैट अकाउंट में भी सही निकल जाए फिर भी आपको यह एनालिसिस करना है कि जिस समय उसने कमाया था उस समय बीग न्यूज़ किया था. 

ट्रेडिंग को नौकरी समझना

हमें से ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि जैसे नौकरी करके लोग पैसा कमाता है, उसी प्रकार शेयर मार्केट में हर दिन ट्रेडिंग करके नौकरी के जैसा पैसा कमा लें. मैं कहूंगा कि यह आपके जिंदगी का सबसे खतरनाक खेल हो सकता है. 

हो सकता है कि आप शुरुआत के 6 महीने 1 साल तक काफी पैसे कमा लेंगे. इस तरह से आप का लालच भी बढ़ते जाएगा. एक दिन ऐसा भी हो सकता है कि आप लालच में आकर के अपनी सारा जमा पूंजी शेयर मार्केट में लगा दें. 

भगवान ना करे कि आपको अचानक सा बड़ा लॉस हो जाए. शेयर मार्केट के बारे में यह कंसेप्ट बनाइए कि मैं एक निवेशक हूं और अपने पैसे निवेश कर रहा हूं. 

जैसे कि आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट करते हैं उसमें आपको रिटर्न 1 साल में 6 से 7  पर्सेंट तक ही मिलता है. उसी प्रकार आप अच्छे शेयर में इन्वेस्ट कीजिए और उम्मीद कीजिए कि फिक्स डिपाजिट से रिटर्न डब्लू या ट्रिपल मिल जाए. 

अगर आपका रिटर्न का टारगेट छोटा होगा तो जोखिम के चांसेस कम होंगे और आप इस बहाने अच्छे से अच्छे कंपनी के शेयरों में अपना निवेश कर सकते हैं. 

मुझे पूरा उम्मीद है कि आपको अब अच्छे से पता चल गया कि शेयर मार्केट में किन किन कारणों से बड़ा लॉस होता है. अगर आपके पास इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप बेझिझक होकर के कमेंट बॉक्स में लिखिए. हमें आपके प्रश्नों के उत्तर देने में बेहद खुशी होगी. 

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