Stock Market Kaise Kam Karta Hai? आसान भाषा में मेकनिज्म समझिये

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है? स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक मार्केट का काम होता है जिसमें कंपनी, दलाल, व्यापारी एवं निवेशक शामिल होते हैं. जिसे सेबी नियंत्रित करती है.

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है
स्टॉक मार्केट के काम करने का मैकेनिज्म को, अगर आप सही से समझ जाते हैं तो आप को बहुत बड़ा फायदा हो सकता है. स्टॉक मार्केट के पूरे खेल में 5 किरदार है, जिसे पहले आप को जान लेना चाहिए

  1. स्टॉक एवं कमोडिटी एक्सचेंज
  2. सेबी
  3. शेयर बेचने वाली कंपनी
  4. मार्केटिंग दलाल व व्यापारी
  5. निवेशक

स्टॉक एवं कमोडिटी एक्सचेंज क्या होता है? 

स्टॉक एवं कमोडिटी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर कंपनियां अपने स्टॉक (शेयरों) एवं कोमोडिटी को जारी करती है. भारत में मौजूदा समय 6 स्टॉक एक्सचेंज हैं और कमोडिटी एक्सचेंज है. 

स्टॉक एक्सचेंज

  1. मुंबई में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई)
  2. कोलकाता में कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज
  3. गिफ्ट सिटी में इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया आईएनएक्स)
  4. मुंबई में मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड 
  5. मुंबई में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई)
  6. दिल्ली में एनएसई आईएफएससी लिमिटेड (एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज)

कमोडिटी एक्सचेंज 

  1. ऐरोली, नवी मुंबई में इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स)
  2. मुंबई में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स)
  3. मुंबई में नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स)

सेबी (Securities and Exchange Board of India) 

SEBI (सेबी) का फुल फॉर्म Securities and Exchange Board of India जिसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड कहा जाता है. 

सेबी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक निकाय है. यह 12 अप्रैल 1988 को स्थापित किया गया था और सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से 30 जनवरी 1992 को वैधानिक शक्तियां प्रदान की गईं थीं. 

व्यापार करने के लिए बाजार सहभागियों को स्टॉक एक्सचेंज और सेबी के साथ पंजीकृत होना होता है. सेबी भारत के सभी स्टॉक मार्केट को नियंत्रित करती है. 

शेयर बेचने वाली कंपनी

स्टॉक मार्केट में कोई भी कंपनी बिना रजिस्ट्रेशन के अपने शेयर को जारी नहीं कर सकता है. सबसे पहले किसी भी कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होना पड़ता है. 

किसी भी कंपनी का रजिस्टर्ड होने का मतलब हुआ कि कंपनी का सभी वित्तीय लेनदेन पर स्टॉक मार्केट की पूरी नजर होती है. 

स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होने के बाद कंपनी सबसे पहले प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से प्राथमिक बाजार में सूचीबद्ध हो जाती है. इस तरह से कंपनी प्रायमरी मार्केट में प्रवेश कर जाती है. 

प्रायमरी मार्केट में रजिस्टर्ड होने के बाद, कंपनी जारी किए गए शेयरों का द्वितीयक बाजार में निवेशकों द्वारा कारोबार किया जा सकता है. ज्यादातर ट्रेडिंग यहीं होती है। इस बाजार में, खरीदार और विक्रेता लाभ कमाने या घाटे में कटौती करने के लिए लेनदेन करने के लिए इकट्ठा होते हैं. 

मार्केटिंग दलाल व व्यापारी

स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत संस्थाएं होता है. वे एक निवेशक और स्टॉक एक्सचेंज के रूप में आपके बीच एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं. 

आपका ब्रोकर आपके खरीद ऑर्डर को एक्सचेंज को भेजता है, जो उसी शेयर के लिए सेल ऑर्डर की खोज करता है. एक बार एक विक्रेता और एक खरीदार तय हो जाने के बाद, एक मूल्य को अंतिम रूप दिया जाता है, जिस पर एक्सचेंज आपके ब्रोकर को सूचित करता है कि आपके ऑर्डर की पुष्टि हो गई है. 

निवेशक

हम आप जैसे लोग जो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान अपना पैसा शेयर में लगाते हैं, उसे निवेशक कहा जाता है. निवेशक अपनी रूचि के अनुसार, किसी भी कंपनी के शेयरों खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं. 

निवेशक चाहे तो लंबे समय तक शेयरों को अपने पास रख सकते हैं. किसी भी निवेशक को स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है. निवेशक डिमैट अकाउंट अपने नजदीकी बैंक या शेयर मार्केट के ब्रोकरों के साथ खुलवा सकते हैं. 

स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस को समझ लीजिए

1 कोई भी कंपनी आईपीओ (प्रायमरी मार्केट) के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो सकती है. 

2 स्टॉक एक्सचेंज कंपनी के वित्तीय मूल्यांकन करती है. आईपीओ के परफॉर्मेंस के अनुसार स्टॉक जारी होता है. 

3 जारी किए गए शेयरों को निवेशकों द्वारा सेकेंडरी मार्केट में कारोबार किया जाता है. 

4 उसके बाद, स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत संस्थाएं हैं जो आपको उक्त कीमत पर विशेष शेयर खरीदने की पेशकश करती हैं. 

5 आपका ब्रोकर आपके बाय ऑर्डर को एक्सचेंज को भेजता है, जो उसी शेयर के लिए सेल ऑर्डर की खोज करता है. 

6 इस प्रक्रिया में टी +2 दिन लगते हैं, यानी आप दो कार्य दिवसों में अपने शेयर अपने डीमैट खाते में जमा करवा देते हैं. 

उम्मीद करता हूं कि आपको शेयर मार्केट यानी कि स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है पता चल गया होगा. अगर आपके पास इससे संबंधित अन्य कोई भी क्वेश्चन हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं. 

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