मोबाइल फोन के आने से निवेश की दुनिया में क्रांति आ गई है। India में, स्टॉक एक्सचेंज अब पहले से कहीं अधिक सुलभ है और आप अपने मोबाइल फोन से कुछ ही क्लिक के साथ अपना पहला शेयर खरीद सकते हैं।
यह लेख आपको भारतीय स्टॉक एक्सचेंज को नेविगेट करने और अपना पहला शेयर खरीदने में मदद करने के लिए 6 आसान कदम प्रदान करेगा। इन निर्देशों के साथ, आप आराम से घर बैठे ही शेयरों में निवेश शुरू कर सकते हैं।
ऑनलाइन शेयर कैसे खरीदें?
आप यकीन नहीं कर पाएंगे. घर बैठे अपने मोबाइल फोन से मात्र 6 स्टेप में शेयर खरीद सकते हैं. शेयर की खरीदारी करने के लिए, आपको एक मिनट से भी कम समय लगेगा.
- अपने डिमैट अकाउंट में लॉगिन करें.
- Watchlist में अपना पसंदीदा शेयर को सर्च करें और ऐड कर लें.
- जितने क्वांटिटी में आप शेयर खरीदना चाह रहे हैं उसमें क्वांटिटी भर दें.
- अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए खरीदना चाह रहे हैं तो CNC सेलेक्ट करें या अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए खरीदना चाह रहे हैं तो MIS सेलेक्ट करें.
- अगर आप करंट मार्केट प्राइस पर खरीदना चाह रहे हैं तो Market के ऑप्शन को सिलेक्ट करें. ऊपर बताए गए सभी ऑप्शंस को दोबारा चेक कर लें.
- Swipe to Buy को स्वाइप करें.
सिर्फ आप इन 6 स्टेप को फॉलो करके शेयर को खरीद सकते हैं. अगर आप शेयर मार्केट का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो कुछ आपको मास्टर तरीके को अपनाना होगा. जो आपके लिए आगे लिखा गया है.
इंट्राडे के लिए शेयर की खरीदारी कैसे करें:MIS
अगर आप इस आर्टिकल के इस भाग तक पहुंचे हैं तो इसका मतलब है कि आपको मेरी बातें समझ में आ रही है. ऐसे में मेरा भी दायित्व बनता है कि आपको पूरी जानकारी दें.
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है? इंट्राडे ट्रेडिंग एक प्रकार की ट्रेडिंग है जिसमें ट्रेडर एक ही दिन में प्रतिभूतियों को खरीदता और बेचता है। इंट्राडे ट्रेडिंग आप जैसे निवेश के लिए एक लोकप्रिय तरीका है क्योंकि यह लगातार चल रहे बाजार में मुनाफा हासिल करने में मदद कर सकता है।
1 दिन के लिए किसी भी डीमेट अकाउंट से शेयर को कैसे खरीदते हैं? आपको बता दें कि भारत में लगभग हर कंपनी के डिमैट अकाउंट का इंटर फेस लगभग एक समान ही होता है.
जैसे ही आप डिमैट अकाउंट में लॉगिन करते हैं तो आपको अपने अकाउंट में क्या क्या दिखता है. उस इंटरफेस के बारे में आपको पहले बता देता हूं.
Watchlist
किसी भी डिमैट अकाउंट में वॉच लिस्ट 5 या उससे ज्यादा होता है. वॉच लिस्ट का नाम आप अपने हिसाब से भी रख सकते हैं. आप जो भी शेयर या इक्विटी खरीदना चाहते हैं इसमें आपको उसका नाम को सर्च करना है.
सर्च करने के बाद आपको, उस शेयर का नाम डिस्प्ले पर आ जाएगा. उसमें से आप चाहे तो NSE या BSE के शेयर को सेलेक्ट कर सकते हैं. यह दोनों ही भारत के सबसे बड़े शेयर मार्केट हैं. आप इन दोनों में से किसी भी को सेलेक्ट कर सकते हैं. इसका कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं होगा.
किसी भी शेयर को वॉच लिस्ट में ऐड करने का यह मतलब नहीं होता है कि आपने शेयर खरीद लिया. इसका सिर्फ इतना मतलब होता है कि आप उस शेयर के सभी डाटा को देखना चाहते हैं.
अगर आपको किसी भी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस बहुत ही गहराई से करना है तो आप दिए गए विकल्पों को देख सकते हैं. इससे आपको अच्छे से पता चल जाएगा कि शेयर का रिकॉर्ड पिछले कुछ सालों से कैसा रहा है.
Buy
जैसे ही आप अपने वॉच लिस्ट को ओपन करेंगे, आपके द्वारा जुड़े हुए शेयरों का लिस्ट आपके सामने डिस्प्ले हो जाएगा. जिस शेर को आप खरीदना चाहते हैं उस पर आप क्लिक करेंगे तो आपको वहां पर दो विकल्प मिलेगा.
- Buy
- Sell
आपको buy के ऑप्शन पर क्लिक करना है. जैसे ही आप buy के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे तो आपको कई अन्य विकल्प दिखाएंगे.
Quantity
आप जितने संख्या में शेयर को खरीदना चाह रहे हैं आपको वहां पर उसका नंबर को भर देना है.
Product – MIS
अगर आप इंट्राडे के लिए यानी कि एक दिन के लिए शेयर की खरीदारी करना चाह रहे हैं तो प्रोडक्ट में MIS के विकल्प को चुन लें.
Order – Market, Limit, SL, SLM
ऑर्डर के सेक्शन में आपको चार विकल्प मिलेंगे. इन चार विकल्पों का चुनाव, अगर आप सही से कर लेंगे तो फायदा होगा. यहीं पर असली खेल होता है.
अगर मैं Market के विकल्प चुनूंगा तो क्या होगा? इसका सीधा सा मतलब है कि शेयर का जो मार्केट का करंट प्राइस है. आप उसी प्राइस में उस शेयर को खरीद पाएंगे.
दूसरा विकल्प Limit का है. इसमें आप अपने हिसाब से शेयर के प्राइस का लिमिट को सेट कर सकते हैं. जिस दिन आप की लिमिट सेट करेंगे. अगर उस कार्य दिवस में शेयर का वह रेट हो जाता है तो ऑटोमेटिक आपका शेयर खरीदा चले जाएगा.
तीसरा विकल्प SL मिलता है जिसे Stop Loss कहा जाता है. मान लीजिए कि आपने ₹10 का कोई इक्विटी को खरीदा है. अगर आप स्टॉप लॉस में ₹9 सेट कर देंगे. आपके द्वारा खरीदे गए शेयर का प्राइस गिरकर ₹9 होगा तो, वह शेयर आपका ऑटोमेटिक बिक जाएगा.
चौथा विकल्प SLM है. जिसका मतलब Stop loss Market होता है. यहां पर आपको एक लिमिट सेट करने का विकल्प मिलता है जिसे ट्रिगर प्वाइंट बोलते हैं.
मान लीजिए कि आपने किसी शेयर को ₹10 में खरीदा है. अब आपको लगता है कि अगर इस शेयर का प्राइस ₹10 से बढ़कर ₹11 हो जाए या या ₹10 से घटकर के ₹9 हो जाए. ऐसी स्थिति में यह शेयर ऑटोमेटिक बिक जाए. इसके लिए आप इस विकल्प का चुनाव करते हैं.
यानी कि एक रुपए शेयर का प्राइस बढ़ने या घटने पर शेयर बिक जाए तो इसके लिए आपको ट्रिगर प्वाइंट ₹1 सेट करना होगा.
Variety – RGLR, BO, CO, AMO
पहला विकल्प – RGLR का मतलब Regular होता है. इसका सीधा सा मतलब है कि यह एक रेगुलर प्राइस है जिसमें आप कुछ भी सेट नहीं कर सकते हैं.
दूसरा – BO का मतलब Bracket Order होता है, जिसके तहत आप शेयर का उच्च एवं निम्न रेट को तय कर सकते हैं. अगर उस प्राइस रेंज में आएगा तो आपका शेयर ऑटोमेटिक खरीदा चला जाएगा या फिर बिक जाएगा.
उदाहरण से समझिए मान लीजिए कि आपने लॉस अमाउंट ₹2 भर दिया है. इसका मतलब हुआ कि आपने जिस कीमत पर भी शेयर को खरीदा है. अगर उस शेयर का दाम ₹2 घट जाता है तो आपके द्वारा खरीदा हुआ शेयर तुरंत ऑटोमेटिक बिक जाएगा.
तीसरा – CO का मतलब Cover Order होता है. इसके तहत आप मार्जिन के 1.5% तक शेयर खरीद सकते हैं.
AMO का मतलब After Market Order होता है. आपको पता है कि शेयर मार्केट का ट्रेडिंग सुबह के 9:15 से शुरू होता है और शाम के 3:30 पर बंद हो जाता है.
यह टाइम खत्म होने के बाद भी आप शहर की खरीदारी कर सकते हैं. अगर आप इस विकल्प को चुनेंगे तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका ऑर्डर उस टाइम हो जाएगा लेकिन शेयर की खरीदारी अगले दिन कार्य दिवस में होगी.
Validity – DAY, IOC
वैलिडिटी मैं आपको दो विकल्प मिलेंगे. पहला विकल्प DAY और दूसरा विकल्प IOC होता है.
अगर आप DAY विकल्प का चुनाव करते हैं तो इसका मतलब हुआ कि अगर उस कार्य दिवस में जब भी वह शेयर अवेलेबल होगा आपको मिल जाएगा. इसकी वरिलिटी पूरे दिन होती है. अगर यह शेयर दिन भर में अवेलेबल नहीं होता है तो ऑटोमेटिक यह आर्डर कैंसिल हो जाता है.
अगर आप IOC विकल्प को चुनेंगे तो, अगर वह शेयर उसी क्षण में अवेलेबल होगा. तभी आपको मिलेगा, वरना आप का आर्डर ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाएगा.
SWIPE Order
जब तक आप SWIPE Order को स्वाइप नहीं करेंगे तब तक आपका ऑर्डर कंप्लीट नहीं होगा. इस बटन को दबाने से पहले हमेशा आपने जो विकल्प चुना है उसको कम से कम 3 बार चेक कर लीजिए.
लॉन्ग टर्म के लिए शेयर की खरीदारी कैसे करें:CNC
इंट्राडे ट्रेडिंग की अपेक्षा लोंग टर्म ट्रेडिंग करना बहुत ज्यादा आसान है. यहां पर आपको प्रोडक्ट (Product – CNC) में विकल्प का चुनाव करना है.
शेयर कैसे बेचते हैं?
आपको जो शेयर मार्केट का ऑफिशियल टाइम है आप उसी समय शेयर को बेच सकते हैं. शेयर मार्केट के पुराने खिलाड़ी या दो दिग्गज होते हैं वह शेयर खरीदते टाइम ही शेयर बेचने का ऑप्शन सेलेक्ट कर लेते हैं.
मान लीजिए कि आपने ऐसा कुछ भी सेट नहीं किया है या आपने ऑटोमेटिक विकल्प को चुना है लेकिन अभी उस प्राइस रेंज में नहीं आया है और आप शेयर को बेचना चाहते हैं.
इसके लिए आप अपने ऑर्डर लिस्ट में जा सकते हैं या फिर आप अपने पोर्टफोलियो में जा सकते हैं. वहां पर आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयर के जानकारी मौजूद होगा.
आप जिस भी शेयर को बेचना चाहते हैं उस पर आप क्लिक कर दीजिए. उसके बाद आप को Exist का विकल्प मिलेगा. उस पर क्लिक कर दीजिए.
उसके बाद आपको ऑप्शन मिलेगा कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयर में से कितना शेयर बेचना चाहते हैं. मान लीजिए कि आपने 10 से खरीदा है उसमें से आप 5 को बेचना चाहते हैं तो क्वांटिटी में पांच भर दीजिए. एक बार आप कॉन्टिटी को दोबारा चेक कर लीजिए.
Swipe Sell बटन को जैसे स्वैप करेंगे तो आपका शेयर बिक जाएगा. शेयर के बिकते ही आपके डीमेट अकाउंट में रुपया 7 दिनों के भीतर आ जाएगा.
शेयर खरीदने के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है?
- इंटरनेट बैंकिंग वाला सेविंग अकाउंट
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो और एड्रेस प्रूफ सर्टिफिकेट
- सेविंग अकाउंट का चेक बुक
- डिमैट अकाउंट
सेविंग अकाउंट – आपके सेविंग अकाउंट में इंटरनेट बैंकिंग एक्टिव होना चाहिए जिससे कि आप अपने फंड को डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर पाए. या फिर आप अपने डिमैट अकाउंट से सेविंग अकाउंट में फंड को ट्रांसफर कर सकें.
पैन कार्ड – आपको पता ही होगा कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर कर पैसे जो कमाया जाता है उस पर टैक्स लगता है. इसलिए आप को अनिवार्य रूप से पैन कार्ड सबमिट करना होगा.
पासपोर्ट साइज फोटो – जब आप डीमैट अकाउंट खुलवा आएंगे तो ऐसे में आपको फोटो की आवश्यकता होगी.
सेविंग अकाउंट का चेक बुक – जब आप डिमैट अकाउंट खुलवा आएंगे तो ऐसे मैं आपको ट्रेडिंग करने के लिए मार्जिन मनी की आवश्यकता होगी. उसके लिए आपको डिमैट अकाउंट के कंपनी को चेक देना होगा.
डिमैट अकाउंट – शेयर मार्केट आप से कनेक्ट डिमैट अकाउंट के द्वारा ही होता है. चाहे आप से खरीदना चाहते हो या बेचना चाहते हो इन दोनों ही सूरत में आपके पास डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है.
शेयर खरीदने के क्या नियम होते हैं?
विचार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक आपके निवेश लक्ष्य हैं। क्या आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, या क्या आपको जल्द ही अपने पैसे तक पहुंच की आवश्यकता है?
यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आप उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे जिनके पास मजबूत वित्तीय प्रदर्शन का इतिहास है और आगे बढ़ने की उम्मीद है।
एक और महत्वपूर्ण विचार आपकी जोखिम सहनशीलता है। आप कितनी अस्थिरता के साथ सहज हैं? यदि आप अधिक जोखिम से ग्रस्त हैं, तो आप बड़ी, स्थापित कंपनियों के साथ रहना चाह सकते हैं, जिनके शेयरों में बेतहाशा उतार-चढ़ाव की संभावना कम है।
अपने डिमैट अकाउंट में रुपया कैसे डालें और निकालें?
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो आपके निवेश को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है। आप शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए डीमैट खाते का उपयोग कर सकते हैं।
अपने डीमैट खाते में पैसे जोड़ने के लिए, आपको इसे बैंक खाते से लिंक करना होगा। यह आपके ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को आपके बैंक विवरण प्रदान करके किया जा सकता है।
एक बार लिंक स्थापित हो जाने के बाद, आप ऑनलाइन बैंकिंग प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप का उपयोग करके अपने बैंक खाते से अपने डीमैट खाते में धनराशि स्थानांतरित कर सकते हैं।
अपने डीमैट खाते से पैसे निकालना भी आसान है। आप अपने ब्रोकर या डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के माध्यम से निकासी का अनुरोध कर सकते हैं, और फंड 2-3 दिनों के भीतर आपके लिंक किए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
किस प्रकार के शेयर को खरीदने से आप ज्यादा लाभ अर्जित कर सकते हैं?
कई अलग-अलग प्रकार के स्टॉक हैं जिन्हें आप खरीद सकते हैं, और प्रत्येक में आपको लाभ कमाने की क्षमता है। हालांकि, कुछ स्टॉक आपको दूसरों की तुलना में अधिक लाभ अर्जित करने की अधिक संभावना रखते हैं।
उदाहरण के लिए, ग्रोथ स्टॉक लंबे समय में अन्य प्रकार के शेयरों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रोथ स्टॉक आमतौर पर उन कंपनियों से जुड़े होते हैं जिनसे भविष्य में तेजी से विकास का अनुभव करने की उम्मीद की जाती है।
जैसे, निवेशक इन शेयरों के लिए अधिक भुगतान करने को तैयार हैं, जिससे शेयरधारकों को अधिक लाभ होता है। लाभ कमाने की चाहत रखने वालों के लिए वैल्यू स्टॉक भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
मूल्य शेयरों को बाजार द्वारा कम आंका जाता है और निवेशकों को उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है। किस प्रकार का स्टॉक खरीदना है, यह चुनते समय, अपने निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
अन्य प्रकार के शेयरों की तुलना में ग्रोथ स्टॉक अधिक अस्थिर हो सकते हैं, लेकिन वे अधिक पुरस्कार की संभावना प्रदान करते हैं।
खरीदे हुए शेयर से कम घाटा हो, उसके लिए आप यह तरीका अपना सकते हैं?
वहाँ बहुत सारी निवेश रणनीतियाँ हैं, और यह जानना मुश्किल हो सकता है कि कौन सी आपके लिए सही है। यदि आप अपने नुकसान को कम करने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो यह तरीका अपनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
इस पद्धति में उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करना शामिल है जिनके पास मजबूत फंडामेंटल हैं और जो अपने आंतरिक मूल्य से छूट पर कारोबार कर रहे हैं। इस प्रकार के शेयरों को खरीदने से, आपको अधिक सट्टा कंपनियों में निवेश करने की तुलना में बड़े नुकसान का अनुभव होने की संभावना कम है।
बेशक, कोई भी निवेश रणनीति सही नहीं है, और हमेशा नुकसान की संभावना होती है। हालाँकि, यदि आप अपना शोध करते हैं और ठोस बुनियादी बातों वाली कंपनियों से चिपके रहते हैं, तो आप अपनी सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं।
सारांश:भारत में ऑनलाइन शेयर खरीदने के लिए आपके पास एक डीमैट खाता होना चाहिए। डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो आपके शेयरों और शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है। आप भारत के किसी भी बड़े स्टॉक ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खोल सकते हैं।
डीमैट खाता खोलने के बाद आप ऑनलाइन शेयर खरीदना शुरू कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, आपको अपने ब्रोकर की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा और उन शेयरों के लिए ऑर्डर देना होगा जिन्हें आप खरीदना चाहते हैं। तब आपका ब्रोकर आपकी ओर से ट्रेड को अंजाम देगा और शेयर आपके डीमैट खाते में क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
आप म्यूचुअल फंड के जरिए ऑनलाइन शेयर भी खरीद सकते हैं। म्यूचुअल फंड पेशेवरों द्वारा प्रबंधित धन का एक पूल है जो अपने ग्राहकों की ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
Conclusion Points
ऑनलाइन शेयर खरीदने का सबसे अच्छा तरीका ब्रोकर के माध्यम से है। एक ब्रोकर आपको सही स्टॉक चुनने में मदद कर सकता है, खरीदने और बेचने के बारे में सलाह दे सकता है और आपको शोध तक पहुंच प्रदान कर सकता है। आप अपने ट्रेडों को निष्पादित करने के लिए ब्रोकर का उपयोग भी कर सकते हैं।
ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करते समय कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। सबसे पहले, शेयर बाजार में अनुभव के साथ एक प्रतिष्ठित फर्म का चयन करना महत्वपूर्ण है। दूसरा, विभिन्न ब्रोकरों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की तुलना करना सुनिश्चित करें। अंत में, सुनिश्चित करें कि ब्रोकरेज अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान करता है और उपयोगकर्ता के अनुकूल मंच है।
FAQsप्रश्न – भारत में शेयर मार्केट कब खुलता है?उत्तर – भारत में शेयर बाजार एक जीवंत और संपन्न बाजार है जहां निवेशक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। बाजार सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुला रहता है। भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई)। दोनों एक्सचेंज निवेशकों के लिए विभिन्न प्रकार के उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करते हैं। एनएसई 2,000 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियों के साथ दो एक्सचेंजों में सबसे बड़ा है। बीएसई में करीब 5,500 सूचीबद्ध कंपनियां हैं। प्रश्न – क्या अब स्टॉक खरीदने का अच्छा समय है?उत्तर – भारतीय शेयर बाजार हाल के महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। निवेशक सोच रहे हैं कि क्या अब भारत में स्टॉक खरीदने का अच्छा समय है। भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले विचार करने के लिए कुछ कारक हैं। सबसे पहले भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति को समझना जरूरी है। हाल की तिमाहियों में देश की जीडीपी वृद्धि धीमी हुई है, लेकिन वित्त वर्ष 2019-2020 में अभी भी लगभग 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह पिछले वर्षों में देखी गई 8% की वृद्धि से कम है, लेकिन अभी भी स्टॉक की कीमतों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त मजबूत है। दूसरा, कॉरपोरेट आय पर नजर डालना भी जरूरी है। धीमी वृद्धि की अवधि के बाद, पिछली कुछ तिमाहियों में आय में सुधार होना शुरू हो गया है। प्रश्न – क्या बिना डिमैट अकाउंट के शेयर खरीद सकते हैं?उत्तर – हां, आप भारत में बिना डीमैट खाते के शेयर खरीद सकते हैं। आप या तो ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं जो भौतिक शेयरों में व्यापार करने की सुविधा प्रदान करता है या सेंट्रल डिपॉजिटरी सिस्टम (सीडीएसएल) के माध्यम से शेयर खरीद सकता है। यदि आप किसी ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग खाता खोलते हैं, तो आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा और केवाईसी दस्तावेज जमा करने होंगे। एक बार आपका खाता खुल जाने के बाद, आप शेयर खरीदने का ऑर्डर दे सकते हैं। इसके बाद ब्रोकर आपकी ओर से शेयर खरीदेगा और उन्हें भौतिक रूप में रखेगा। इस सर्विस के लिए आपको ब्रोकर को कमीशन देना होगा। यदि आप डीमैट खाता खोले बिना शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आप सेंट्रल डिपॉजिटरी सिस्टम (सीडीएसएल) के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। प्रश्न – क्या भारत में ऑफलाइन घर खरीदा जा सकता है?उत्तर – हां, India में शेयर ऑफलाइन खरीदे जा सकते हैं। जो लोग इस प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं, उनके लिए यह जटिल और कठिन लग सकता है। हालाँकि, थोड़े से शोध और मार्गदर्शन के साथ, भारत में ऑफ़लाइन शेयर खरीदना काफी सरल है। भारत में ऑफलाइन शेयर खरीदने के लिए कुछ चरणों का पालन करना होगा। पहला कदम एक दलाल को ढूंढना है जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो। कई ब्रोकर उपलब्ध हैं, इसलिए निर्णय लेने से पहले उनकी सेवाओं और फीस की तुलना करना महत्वपूर्ण है। एक बार जब आप एक ब्रोकर चुन लेते हैं, तो आपको उनके साथ एक खाता खोलना होगा। अगला कदम आपके खाते में पैसा जमा करना है। यह विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि बैंक हस्तांतरण या पेटीएम जैसे ऑनलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म। एक बार पैसा जमा हो जाने के बाद, आप शेयर खरीदना शुरू कर सकते हैं! प्रश्न – शेयर खरीदने के लिए कितना रुपया चाहिए?उत्तर – भारत में शेयर खरीदने के लिए आपके पास कम से कम रु. 2,500. यह न्यूनतम राशि है जो शेयरों में निवेश शुरू करने के लिए आवश्यक है। शेयरों में कितना पैसा निवेश किया जा सकता है, इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है। वह जितना पैसा निवेश करता है, उससे यह तय होता है कि उसे कितने शेयर मिलेंगे। प्रश्न – क्या स्टॉक और शेयर एक ही चीज हैं?उत्तर – जब स्टॉक और शेयरों की बात आती है, तो इस बात को लेकर बहुत भ्रम होता है कि वे वास्तव में क्या हैं और क्या वे एक ही चीज़ हैं या नहीं। चीजों को स्पष्ट करने में मदद करने के लिए, हमने प्रत्येक शब्द की संक्षिप्त व्याख्या को एक साथ रखा है। स्टॉक एक प्रकार की सुरक्षा है जो निगम में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर, शेयर किसी विशेष संपत्ति में स्वामित्व की एक इकाई को संदर्भित करते हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड। इसलिए जबकि स्टॉक और शेयर दोनों ही स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे स्वामित्व के प्रकार में भिन्न होते हैं जो वे प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रश्न – मुझे कितने शेयर खरीदने चाहिए?उत्तर – जब किसी कंपनी में शेयर खरीदने की बात आती है, तो इस सवाल का कोई एक आकार-फिट-सभी जवाब नहीं है कि आपको कितने शेयर खरीदने चाहिए। आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिसमें आपके निवेश लक्ष्य, आपकी जोखिम सहनशीलता और आपके पास निवेश करने के लिए उपलब्ध धनराशि शामिल है। यदि आप एक त्वरित लाभ कमाना चाहते हैं, तो आप शायद कम शेयर खरीदना चाहेंगे ताकि कीमत बढ़ने पर आप उन्हें अधिक आसानी से बेच सकें। हालाँकि, यदि आप अपने शेयरों को लंबी अवधि के लिए रखने में रुचि रखते हैं, तो आप अधिक शेयर खरीदना चाह सकते हैं ताकि आप चक्रवृद्धि रिटर्न से लाभ उठा सकें। अंततः, कितने शेयर खरीदने का निर्णय आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। प्रश्न – सेविंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट में क्या अंतर होता है?उत्तर – बचत खाता एक प्रकार का बैंक खाता है जहां ग्राहक पैसे जमा कर सकते हैं और निकाल सकते हैं और शेष राशि पर ब्याज अर्जित कर सकते हैं। डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रतिभूतियों को रखने के लिए किया जाता है। डीमैट खाते कस्टोडियन बैंकों या ब्रोकरेज के पास होते हैं। बचत खाते और डीमैट खाते के बीच मुख्य अंतर संपत्ति का प्रकार है जो प्रत्येक के पास होता है। बचत खाते में नकदी होती है, जबकि डीमैट खातों में स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड यूनिट जैसी प्रतिभूतियां होती हैं। दोनों प्रकार के खाते जमा किए गए फंड पर ब्याज देते हैं, लेकिन बचत खाते के लिए ब्याज दर आमतौर पर डीमैट खाते की तुलना में अधिक होती है। इन दो प्रकार के खातों के बीच अन्य अंतर भी हैं। उदाहरण के लिए, बचत खातों में आमतौर पर डीमैट खातों की तुलना में कम न्यूनतम शेष राशि होती है। |